>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
रुद्राक्ष दो शब्दों रुद्र व अक्ष यानी भगवान शंकर की आंख से गिरी जल बिंदू से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है। शिव पुराण के अनुसार संसार की कल्याण कामना के लिए भगवान शिव ने हजारों वर्ष तपस्या की।
<
>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
लोक कल्याण की भावना से भगवान शंकर के अंश से उत्पन्न यह परम श्रेष्ठ फल शंकर को बहुत प्रिय है।
<
>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
रुद्राक्ष उत्तर-पूर्वी भारत एवं पश्चिमी घाट में मिलने वाला मध्यम आकार का वृक्ष है जो नेपाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, असम, मध्य प्रदेश तथा मुम्बई में पाया जाता है।
<
>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
इसका फल हल्का नीलापन लिए बैंगनी रंग का अष्ठी फल होता है जिसमें गूदा व एक गुठली होती है जो कड़ी, गोल या अंडाकार होती है।
<
>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
जिसके अनुसार रुद्राक्ष एकमुखी, द्विमुखी, त्रिमुखी आदि कहलाते हैं। पांच से अधिक या कम कक्षों वाले रुद्राक्ष महंगे बिकते हैं।
<
>
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
रुद्राक्ष को मुक्ति व युक्ति देने वाला बताया गया है। इसे हृदय रोग एवं उच्च तथा निम्र रक्तचाप में उपयोगी माना गया है।
<
X
Rudraksha: पढ़ें, धार्मिक एवं औषधीय वृक्ष की कथा
पांच मुखी, छहमुखी, सातमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष की माला को कंठ में धारण करना चाहिए ताकि वह हृदय को स्पर्श करती रहे। इससे मन को शांति मिलती है।