Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    गांधी जी ने सत्य की खोज, सत्य के प्रति समर्पण तथा दक्षिण अफ्रीका में रहते हुए जिन उपायों का अनुसरण किया, उससे भारतीयों को रू-ब-रू करवाने के लिए इस आश्रम का निर्माण किया और इसका नाम ‘सत्याग्रह आश्रम’ रखने का निर्णय लिया।
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    आश्रम के निवासियों के लिए अनुशासन से लेकर 11 आदर्शों का प्रण लेना होता था।ये थे सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, अस्वच्छा, स्वदेशी, अभय, अस्पृश्यता, सभी धर्मों का सम्मान, हाथ से श्रम।
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    साबरमती आश्रम की स्थापना नदी के किनारे निर्जन स्थल पर की गई थी, जहां बहुतायत में सांप पाए जाते थे। इसके आसपास कोई भी भवन न था। आश्रम के नजदीक साबरमती केन्द्रीय कारागार था।
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    गांधी जी को यह स्थल इसलिए पसंद था कि जेल के आसपास का क्षेत्र अमूमन साफ-सुथरा होता है तथा सत्याग्रहियों के लिए जेल आना-जाना लगा रहता है।
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    इस आश्रम के आरंभिक वर्षों में चंपारण सत्याग्रह, अहमदाबाद मिल हड़ताल, खेड़ा सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलनों का संचालन यहीं से हुआ था। आरंभिक दिनों में एक दलित परिवार ने आश्रम में स्थायी तौर पर रहने का आग्रह किया। इससे आश्रमवासियों में विरोध उठा।
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    Sabarmati Ashram: इसलिए बना ‘साबरमती आश्रम’

    अहमदाबाद तथा बम्बई के सम्पन्न हिन्दुओं ने आश्रम को धनराशि देना बंद कर दिया। आश्रम के वित्त विभाग का कार्यभार देखने वाले मगनलाल ने आश्रम की वित्तीय कठिनाई बारे गांधी जी को अवगत करवाया लेकिन वह बिल्कुल भी विचलित न हुए।