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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
बंगाल में बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच एक सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ था। मजदूरों का एक समूह लगातार काम किए जा रहा था। जमीन खोदते समय एक काली शिला निकली।
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
उसी समय पास के जंगल से एक सुंदर बालिका प्रकट हुई और उसने मजदूर को एक थप्पड़ मार दिया। सारे मजदूर अपलक सुंदर बालिका को देखते रह गए।
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
देवी प्रसाद वहां के धनवान व्यक्ति थे, जो यह काम कर रहे थे। उन्हें भी बड़ा आश्चर्य हुआ। उस रात देवी महालक्ष्मी ने सपने में देवीप्रसाद को दर्शन दिया।
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
देवीप्रसाद ने सुबह उठकर इस सपने की बात अपने इष्ट मित्रों को बताई। सभी ने इसे उन पर देवी माता की कृपा बताते हुए वहां पर एक मंदिर बनाने का सुझाव दिया।
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
देवी देवीप्रसाद से कह रही थी, ‘‘देवी प्रसाद मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं, तुम मंदिर बना रहे हो, यह अच्छी बात है, लेकिन मुझे खुले में रहना पसंद है, बंद मंदिर बनाने की जरूरत नहीं है, तुम मुझे खुले में छोड़ दो।’’
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
देवी के आदेशानुसार, देवीप्रसाद ने देवी की पसंदानुसार, मंदिर का निर्माण किया। आज भी देवीप्रसाद के वंशज मंदिर की देख-रेख में लगे हुए हैं। यह मंदिर श्री शैल शक्तिपीठ (महालक्ष्मी भैरवी ग्रीबा) के नाम से जाना जाता है।
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Shaktipeeth in Bangladesh: बंगलादेश में है माता के 5 शक्तिपीठ, जहां गिरे थे देवी सती के अंग
विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए। जहां-जहां पर उनके शरीर के टुकड़े गिरे, वहां-वहां पर शक्तिपीठ का निर्माण हुआ। इस स्थान पर माता सती की ग्रीवा गिरी थी।