भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर यहां रात्रि को भ्रमण पर निकलते हैं बाला जी, 450 साल पुरानी है परंपरा
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    भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर यहां रात्रि को भ्रमण पर निकलते हैं बाला जी, 450 साल पुरानी है परंपरा

    कहा जाता है कि बुरहानपुर में भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर 450 साल से भगवान बालाजी का रथ निकल रहा है जो रातभर नगर में भ्रमण करता है।
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    भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर यहां रात्रि को भ्रमण पर निकलते हैं बाला जी, 450 साल पुरानी है परंपरा

    बता दें बुरहानपर में श्री बड़े बाला जी महाराज का मंदिर है जहां बाला जी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है।
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    भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर यहां रात्रि को भ्रमण पर निकलते हैं बाला जी, 450 साल पुरानी है परंपरा

    बताया जाता है इस मंदिर का निर्माण मुगल स्थापत्य शैली में करवाया गया था, जहां बाला जी की प्राचीन प्रतिमा विराजित है।
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    यहां को लोक मान्यताओं के अनुसार भारत में केवल बुरहानपुर ही एक ऐसा शहर है जहां 15 दिनों तक बाला जी महाराज रात्रि में रथ में बैठ अलग-अलग रूपों में सवारी पर निकलते हैं और भक्तों को उनके द्वार पर पंहुचकर दर्शन देते हैं।
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    आपकी जानकारी के लिए बता दें रथ पर सवार होकर बालाजी महाराज रथ पर अश्विनी मास की प्रतिप्रदा से निकलते हैं जिसके बाद बालाजी महाराज 15 दिनों तक नगर भ्रमण करते हैं।
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    मान्यता है इस प्राचीन परंपरा को अब 10 वीं पीढी परंपरा निभा रही है।