Shringar Gauri: चैत्र नवरात्रि के दौरान बस एक बार खुलता है काशी में माता श्रृंगार गौरी का दरबार, दर्शन से सौभाग्य में होती है वृद्धि
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    Shringar Gauri: चैत्र नवरात्रि के दौरान बस एक बार खुलता है काशी में माता श्रृंगार गौरी का दरबार, दर्शन से सौभाग्य में होती है वृद्धि

    काशी में बाबा विश्वनाथ धाम स्थित ज्ञानवापी में माता शृंगार गौरी की भव्य पूजा नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर विधि-विधान से की गई।  चौक पर स्थित चित्रा सिनेमा के पास भक्तजन एकत्रित हुए और हाथों में पूजन सामग्री, माला-फूल, प्रसाद, नारियल, ध्वज लेकर माता की जयकार करते हुए ज्ञानवापी की ओर बढ़े।
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    यात्रा शृंगार गौरी के पूजन के लिए ज्ञानवापी पहुंची। सर्वप्रथम माता को ज्ञानवापी कूप के जल से स्नान कराया गया फिर गुलाब, अढुल, बेला के फूलों से उनका शृंगार किया गया।
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    माता को सिन्दूर अर्पण करके विविध मिष्ठान का भोग लगाकर आरती की गई। सभी भक्तों ने हाथों में नारियल लेकर मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद नारियल चढ़ाकर मातारानी से विश्व कल्याण, मानव समाज की रक्षा व माता का भव्य मंदिर बने, इसके लिए प्रार्थना की।
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    ज्ञानवापी में स्थित माता शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन को बंद कर दिया गया था। आस्थावानों के काफी संघर्षों के बाद वर्ष 2005 में चैत्र नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर वर्ष में एक दिन के दर्शन-पूजन हेतु अनुमति मिली। तब से इस परम्परा को काशीवासी निभाते रहे हैं।
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    स्थानीय निवासी बताते हैं कि आदि-अनादि काल में काशी का ज्योतिर्लिंग आदि विशेश्वर लिंग के नाम से था। वहीं मां शृंगार गौरी भी विराजमान थीं। मुगलों के समय इसका अस्तित्व बदला और वहीं से कुछ दूर काशी विश्वनाथ की स्थापना हुई।