Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    24 अगस्त, 2007 को बन कर तैयार श्रीपुरम के महालक्ष्मी मंदिर ने सोने के मामले में सभी धार्मिक स्थलों को पछाड़ दिया है। इस मंदिर को करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा गया है।
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    मंदिर का निर्माण श्री नारायणी पीठम धार्मिक संस्थान ने अपनी आध्यात्मिक गुरु शक्ति अम्मा, जिन्हें नारायणी अम्मा के नाम से भी जाना जाता है, के दिशा-निर्देशों के तहत किया था।
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    इसे मलाइकोडी गांव के पास हरी-भरी पहाड़ियों से घिरे तिरुपुरम नामक 100 एकड़ के पवित्र पार्क में बनाया गया है। मंदिर धन-संपदा की देवी लक्ष्मी माता को समर्पित है।
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    मंदिर फर्श को छोड़कर अंदर और बाहर पूरी तरह से सोने से मढ़ा हुआ है। इसमें सोने की कारीगरी भारत के अलावा इटली, स्विट्जरलैंड, अमरीका और इंगलैंड के विशेषज्ञ इंजीनियरों और कारीगरों द्वारा की गई है।
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    मंदिर के हर हिस्से को पहले तांबे की प्लेटों से ढंका गया, फिर 22 कैरेट शुद्ध सोने की छड़ों को कारीगरों द्वारा हाथों से सोने की पत्ती में बदला गया और प्रत्येक स्थान पर सोने के वर्क की 15 से 20 परतें लगाई गईं।
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    मंदिर की वास्तुकला, मूर्तियां, मीनाकारी, मोजैक और चित्रकारी वेदों, रामायण, महाभारत और अन्य प्राचीन हिन्दू ग्रंथों से प्रेरित हैं। इस मंदिर परिसर की एक और विशेषता यहां तैयार किया गया आधुनिक सुविधाओं से लैस भारत का शीर्ष मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल है।
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    Sripuram Golden Temple: करीब 1600 किलो सोने से मढ़ा है श्रीपुरम गोल्डन टैम्पल

    इस अस्पताल में गरीबों के लिए कैंसर समेत हर गंभीर बीमारी का इलाज एकदम नि:शुल्क उपलब्ध है। अस्पताल के अलावा, परिसर में सैंकड़ों कमरों वाली कई सरायें और हजारों भक्तों को भोजन परोसने के लिए एक विशाल लंगर है। इस लंगर में खाना बनाने के लिए बेहद आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।