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Temple Of Duryodhan And Karna: दुर्योधन और कर्ण को भगवान की तरह पूजा जाता है इस मंदिर में, पढ़ें रोचक कथा
सनातन धर्म में 33 कोटी देवी-देवताओं को पूजने का विधान है लेकिन उत्तराखंड में इससे भी अधिक देवों को पूजने का विधान है जैसे ग्वेल देवता, ग्राम देवता, कुल देवता आदि शायद इसलिए इसे देवभूमि भी कहा जाता है।
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Temple Of Duryodhan And Karna: दुर्योधन और कर्ण को भगवान की तरह पूजा जाता है इस मंदिर में, पढ़ें रोचक कथा
इस पावन धरती पर 'खलनायक' दुर्योधन और दानवीर कर्ण का भी पूजन होता है। इन दोनों के उत्तरकाशी जिले में अलग-अलग मंदिर भी हैं।
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Temple Of Duryodhan And Karna: दुर्योधन और कर्ण को भगवान की तरह पूजा जाता है इस मंदिर में, पढ़ें रोचक कथा
दुर्योधन मंदिर नेतवार से औसतन 12 किमी दूर ‘हर की दून’ रोड पर सौर गांव में है। जबकि कर्ण मंदिर नेतवार से लगभग डेढ़ मील दूर सारनौल गांव में है।
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Temple Of Duryodhan And Karna: दुर्योधन और कर्ण को भगवान की तरह पूजा जाता है इस मंदिर में, पढ़ें रोचक कथा
सारनौल और सौर गांव की धरती पाताललोक के राजा भुब्रूवाहन नामक शूरवीर की धरती है। कहते हैं भुब्रूवाहन महाभारत युद्ध में भाग लेने के लिए आया था और वह कौरवों
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Temple Of Duryodhan And Karna: दुर्योधन और कर्ण को भगवान की तरह पूजा जाता है इस मंदिर में, पढ़ें रोचक कथा
की तरफ से युद्ध करना चाहता था लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने ऐसा होने नहीं दिया क्योंकि वो जानते थे कि भुब्रूवाहन अर्जुन को चुनौती देने में सक्षम है।
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इससे पहले की वो अर्जुन को चुनौती देता उन्होंने उसे चुनौती दे डाली और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। उसने भगवान से युद्ध देखने की इच्छा व्यक्त की तो उन्होंने उसका सिर एक पेड़ पर टांग दिया वहीं से उसने युद्ध देखा।