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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर हिंदू तीर्थ स्थल माना जाता है। त्रिकुट पर्वत स्थित मां शारदा देवी का यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर आल्हखंड के नायक आल्हा ऊदल दो सगे भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
इस पर्वत की तलहटी में आल्हा का तालाब,आल्हा का अखाड़ा,आल्हा की औषधि, आल्हा का उद्यान आज भी मौजूद है और ठीक माता के मंदिर के पीछे भक्त आल्हा का पूजनीय स्थल स्थापित है।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
धार्मिक शास्त्रों में वर्णन के अनुसार माता के 52 शक्तिपीठ में से मैहर की मां शारदा देवी को मां शारदा देवी कहा जाता है।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
अजर अमर भक्त वीर योद्धा आल्हा आज भी मां शारदा देवी के प्रथम दर्शन कर पूजा करते हैं।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
मां शारदा देवी के मंदिर के पीछे इनके प्रिय भक्त आल्हा का मंदिर भी स्थित है।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
मान्यता है कि यहां प्रतिदिन सुबह मां शारदा की सबसे पहले पूजा आल्हा करते हैं, हालांकि आज तक आल्हा को किसी ने देखा नहीं है।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
यहां ये भी मान्यता कि मैहर आने वाले माता के भक्त अगर आल्हा के दर्शन नहीं करते तो उन्हें मैहर की मां शारदा देवी की कृपा प्राप्त नहीं होता और उनके दर्शन अधूरे माने जाते हैं।
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क्या यहां आज भी पुजारी से पहले भक्त आल्हा करते हैं मां शारदा की पूजा?
आल्हा वह शख्सियत हैं जिन्होंने कई मर्तबा पृथ्वीराज सिंह चौहान को युद्ध में नाको चने चबाने पर मजबूर किया है उत्तर प्रदेश के महोबा के राजा परिमाल के सेनापति रहे आल्हा और उनके भाई ऊदल ने 52 गढ़ की लड़ाईयां जीती हैं।