Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    भारत में नदियों के अनेक संगम स्थल हैं। उन सबका अपना-अपना धार्मिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्व है, किन्तु प्रयाग के जिस संगम की चर्चा यहां की जा रही है उसका परम्परा से अपना वैशिष्ट्य रहा है।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    कथन है कि जो लोग श्वेत (सित) तथा कृष्ण (नील या असित) दो नदियों के मिलन स्थल (संगम) पर स्नान करते हैं, वे स्वर्ग जाते हैं।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    प्रयागराज यानी इलाहाबाद में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जिनमें एल्फ्रेड पार्क जहां महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने शहीदी प्राप्त की थी से लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तक शामिल हैं।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    त्रिवेणी का साक्ष्य : श्रुति, स्मृति और पुराणों का अनुशीलन करने पर ज्ञात होता है कि जहां स्मृतियों तथा पुराणों में प्रयाग का महत्व विस्तार से वर्णित है, वहीं श्रुतियों के केवल ऋग्वेद के दो स्थलों पर उसका उल्लेख हुआ है।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    ऋग्वेद मंत्र से प्रभावित होकर महाकवि कालिदास ने रघुवंश (13/58) में कहा है कि सितासित धाराओं से संयुक्त गंगा-यमुना के संगम पर जो व्यक्ति स्नान कर पवित्र होते हैं।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    इस संबंध में प्राचीनतम उद्धरण नागेश भट्ट के तीर्थेंदु शेखर में उद्धत ऋग्वेद (खिल 9/113/12) का मंत्र है, जिसमें गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम का उल्लेख किया गया है।
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    Triveni Sangam: त्रिवेणी संगम के इस स्थल पर स्नान करने से होती है स्वर्गलोक की प्राप्ति

    भीमासेक नारायण भट्ट ने त्रिस्थलीसेतु में प्रयाग को तीन नदियों का संगम बताते हुए लिखा है कि आकारस्वरूप सरस्वती, उकर स्वरूप यमुना और मकर स्वरूप गंगा से संबंधित प्रणव (ओंकार) ही प्रयाग है।