यहां शिव जी ने तोड़ा था रावण का अंहकार, जानें कहां ये जगह
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    यहां शिव जी ने तोड़ा था रावण का अंहकार, जानें कहां ये जगह

    तिरुचिरापल्ली त्रिचि नामक स्थान पर रॉक फोर्ट पहाड़ी की चोटी पर बसे इस गणेश मंदिर को उच्ची पिल्लयार मंदिर  के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है यह मंदिर 273 फुट की उंचाई पर स्थित है।
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    यहां शिव जी ने तोड़ा था रावण का अंहकार, जानें कहां ये जगह

    जिस पहाड़ी पर ये मंदिर स्थित है उसकी खास बात ये है कि इसकी तीनों चोटियों पर शिव परिवार विराजमान हैं, पहली पहाड़ी पर भगवान शिव का मंदिर है, दूसरी पहाड़ी पर मां पार्वती विराजमान हैं और तीसरी पहाड़ी पर गणेश मंदिर उच्ची पिल्लयार पर स्थित है।
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    पौराणिक मान्यताओं तथा लोक किंवदंतियों के अनुसार इस मंदिर की स्थापना रामायण काल में हुई थी। पौराणिक कथा के अनुसार उस समय एक बार रावण शिव जी के साथ युद्ध करने कैलाश पर्वत पर पहुंचा, पंरतु उस समय शिव जी भक्ति में लीन थे।
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    यहां शिव जी ने तोड़ा था रावण का अंहकार, जानें कहां ये जगह

    रावण को अपनी शक्ति पर इतना अहंकार हो गया था कि वह कैलाश पर्वत को उठाने लगा तभी शिव जी ने अपने अंगूठे से ही कैलाश पर्वत का भार बढ़ा दिया जिससे वह पर्वत को हिला भी न पाया और उसके हाथ पर्वत के नीचे दब गए।
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    बाद रावण ने हार मानकर शिव जी को अपना गुरू बनाया था और उनकी तपस्या की थी। धार्मिक मान्यताएं हैं कि शिव स्तोत्र की रचना रावण ने उस समय ही की थी।
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    उसकी तपस्या से भगवान प्रसन्न हुए रावण ने वरदान के रूप में शिव जी से लंका में उनके महल में रहने की प्रार्थना की।