Vishram Ghat Mathura: भाई दूज और नरक चतुर्दशी के दिन इस घाट पर स्नान करने से आत्मा को मिलता है विश्राम
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    Vishram Ghat Mathura: भाई दूज और नरक चतुर्दशी के दिन इस घाट पर स्नान करने से आत्मा को मिलता है विश्राम

    मथुरा उत्तर प्रदेश का विश्राम घाट-यमुना और यमराज का अद्भुत बंधन दर्शाता है। मथुरा का विश्राम घाट अपने आप में पौराणिक इतिहास का साक्षी है।
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    Vishram Ghat Mathura: भाई दूज और नरक चतुर्दशी के दिन इस घाट पर स्नान करने से आत्मा को मिलता है विश्राम

    कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने जब कंस वध किया, तब वे इसी घाट पर विश्राम करने आए थे और यमुना जी में स्नान किया था।
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    यमुना जी को यमराज की बहन कहा गया है। कथा के अनुसार, यमुना ने अपने भाई यमराज से यह वरदान मांगा कि “जो भी भाई दूज के दिन मेरे तट पर स्नान करेगा, उसे मृत्यु और यमराज का भय कभी नहीं रहेगा।”
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    Vishram Ghat Mathura: भाई दूज और नरक चतुर्दशी के दिन इस घाट पर स्नान करने से आत्मा को मिलता है विश्राम

    इसलिए भाई दूज और नरक चतुर्दशी दोनों दिन इस घाट पर स्नान का विशेष महत्व है। हजारों श्रद्धालु इस दिन विश्राम घाट पर यमुना स्नान करते हैं ताकि यमराज के भय से मुक्ति प्राप्त हो सके।
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    Vishram Ghat Mathura: भाई दूज और नरक चतुर्दशी के दिन इस घाट पर स्नान करने से आत्मा को मिलता है विश्राम

    विश्राम घाट नाम का अर्थ ही है वह स्थान जहां आत्मा को विश्राम मिलता है। यह घाट जीवन के कर्म और मृत्यु के शांति मार्ग दोनों का प्रतीक है।