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Yam Dwar: कैलाश की परिक्रमा में छुपा है यम द्वार का काला राज, रात बिताना क्यों है मना ?
कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल एक धार्मिक तीर्थ नहीं है, बल्कि यह रहस्य और आस्था से भरा एक अनोखा अनुभव भी है। इस क्षेत्र में कई ऐसे पवित्र स्थान हैं, जिनका धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है।
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Yam Dwar: कैलाश की परिक्रमा में छुपा है यम द्वार का काला राज, रात बिताना क्यों है मना ?
इनमें से कुछ प्रमुख स्थान हैं मानसरोवर झील, अष्टपद, सप्तऋषि गुफाएं और यम द्वार। इन सभी में यम द्वार एक विशेष स्थान रखता है। यह जगह कैलाश यात्रा का आरंभिक पड़ाव मानी जाती है और माना जाता है कि यहीं से असली परिक्रमा की शुरुआत होती है। यम द्वार का अर्थ है मृत्यु के देवता यम का द्वार।
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Yam Dwar: कैलाश की परिक्रमा में छुपा है यम द्वार का काला राज, रात बिताना क्यों है मना ?
यम द्वार का अर्थ होता है मृत्यु के देवता यमराज का प्रवेश द्वार। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह द्वार भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत की रक्षा करने वाले यम देवता से जुड़ा है।
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Yam Dwar: कैलाश की परिक्रमा में छुपा है यम द्वार का काला राज, रात बिताना क्यों है मना ?
कैलाश पर्वत की पवित्र परिक्रमा की शुरुआत यहीं से होती है, इसलिए यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
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Yam Dwar: कैलाश की परिक्रमा में छुपा है यम द्वार का काला राज, रात बिताना क्यों है मना ?
चूंकि यमराज की दिशा दक्षिण मानी जाती है, इसलिए यम द्वार भी दक्षिण दिशा में ही स्थित है। तिब्बती संस्कृति में इस स्थान को तारबोचे कहा जाता है। यम द्वार पर एक विशेष ध्वज स्तंभ लगा होता है, जिसे हर साल एक बार पूर्णिमा के दिन बदला जाता है।