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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है ये अद्भुत मंदिर, आप भी करें दर्शन
आपको जानकर हैरानी होगी कि मथुरा में एक ऐसा मंदिर है जो यमराज व उनकी बहन यमुना मां को समर्पित है।
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भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है ये अद्भुत मंदिर, आप भी करें दर्शन
बता दें यह मंदिर मथुरा के प्रसिद्ध विश्राम घाट पर बना हुआ है। इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां भाई-बहन की एक खास जोड़ी की पूजा की जाती है, वो जोड़ी है भगवान यमराज और उनकी बहन यमुना देवी की।
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मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा की बात करें तो भगवान सूर्य की पत्नि संज्ञा के एक पुत्र यमराज और 1 पुत्री यमुना थी। लेकिन सूर्य के ताप को सहन न करने की वजह से उनकी पत्नी संज्ञा अपनी जगह छाया को छोडकर चली गई। छाया से ताप्ती और शनि पैदा हुए।
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कथाओं के अनुसार छाया का यमुना और यम से अच्छा व्यवहार नहीं होने पर यम ने एक नई नगरी का निर्माण किया।
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जो श्रीकृष्ण के अवतार के समय गो लोक चली आई। भाई से स्नेह के कारण कई बार यमराज से अपने यहां आने की प्रार्थना की। आखिर में एक दिन यमराज अपनी बहन से मिलने के लिए आए।
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लेकिन वह उनको गो लोक में मिली। जहां उन्होंने अपने भाई यमराज को खाना खिलाया। यमराज ने जब उन्हें कुछ वर मांगने को कहा तो उन्होंने कहा कि मेरे जल में स्नान करने वाले चाहे स्त्री हो या पुरूष।
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यम लोक ना जाए। यह वरदान देना यम के लिए मुश्किल था। इस बात का ज्ञान होते ही यमुना बोली आप चिंता न करें मुझे यह वरदान दें कि जो लोग आज के दिन बहन के यहाँ भोजन करके, इस मथुरा नगरी स्थित विश्राम घाट पर स्नान करें वे तुम्हारे लोक को न जाएं। इसे यमराज ने स्वीकार कर लिया।