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अब खाटू श्याम मंदिर में नहीं होंगे वी.आई.पी. दर्शन
राजस्थान के खाटूश्याम मंदिर में मची भगदड़ से 3 महिलाओं की हुई मौत को लेकर मंदिर प्रबंधन सरकार दोनों ने वी.आई.पी. दर्शन कल्चर को बंद करने के साथ दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ने पर 24 घंटे मंदिर के पट्ट खोलने का निर्णय लिया है।
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घटना को लेकर आज दांतारामगढ़ तहसीलदार विपुल चौधरी, रींगस सी.ओ. सुरेंद्र सिंह, थाना प्रभारी सुभाष चंद्र यादव और ई.ओ. विशाल यादव की टीम ने खाटू मंदिर का दौरा कर घटना पुन: न घटे के लिए श्रद्धालुओं के लिए माकूल इंतजार रखने के निर्देश दिए।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी का बाल्यकाल में नाम बर्बरीक था। उनकी माता, गुरुजन एवं समस्त प्राणी उन्हें इसी नाम से जानते थे।
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श्याम नाम उन्हें श्री कृष्ण द्वारा प्रदान किया गया था। प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका यह नाम इनके घुंघराले बाल होने के कारण पड़ा।
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बता दें इसके अलावा बाबा श्याम को श्याम बाबा, तीन बाण धारी, नीले घोड़े का सवार, लखदातार, हारे का सहारा, शीश का दानी, मोर्वीनंदन, खाटू वाला श्याम, खाटू नरेश, श्याम धणी, कलयुग का अवतार, दीनों का नाथ आदि नामों से भी पुकारा जाता है।
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धार्मिक ग्रंथों आदि में वर्णित कथा के अनुसार द्वापरयुग में खाटू श्याम जी ने श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएंगे।
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श्री कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे। तुम्हारे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम का सच्चे दिल से उच्चारण मात्र से ही उद्धार होगा।