अब दुश्मन के छूटेंगे छक्के, भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ ''धनुष''
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    अब दुश्मन के छूटेंगे छक्के, भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ ''धनुष''

    भारतीय सेना बोफोर्स तोप से भी अधिक मारक क्षमता वाली स्वदेशी तोप ‘धनुष’ से लैस होने जा रही है। आज कानपुर स्थित आयुध कारखाने फील्ड गन फैक्ट्री ने दो तोपों की पहली खेप रवाना की। इस धनुष को पाक से सटे राजस्थान के सीमावर्ती इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
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    यह जिम्मेदारी कानपुर स्थित फील्ड गन फैक्ट्री के हिस्सें में आई है। यहां के रक्षा वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और कर्मचारियों की दिन रात मेहनत से एक तोप तैयार की गई है, जिसका तकनीकी नाम ‘पी-वन 55’ रखा गया।
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    इस तोप का जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में परीक्षण हुआ और अब भारतीय सेना ने इसकी मारक क्षमता को देखते हुए इसे नया नाम ‘धनुष’ दिया है।
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    धनुष तोप की बैरल बोफोर्स की तुलना में 877 मिलीमीटर अधिक बड़ी है। सेमी ऑटोमेटिक स्वभाव के कारण ये एक-एक करके 30 सेकेंड के अंतराल से लगातार गोले दाग सकती है, लेकिन इसे बस्ट मोड में चलाया जाए तो 15 सेकेंड के भीतर 3 गोले दुश्मन की छाती पर जा गिरेंगे।
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    मारक क्षमता के मामले में ये बोफोर्स से कई किलोमीटर आगे है। बोफोर्स की मार 28 किनोमीटर रेंड की थी तो धनुष की 38 किलोमीटर है। इस देशी बोफोर्स की सबसे अहम बात यह भी है कि इसमें एक भी विदेशी पुर्जा नहीं लगाया गया है।
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    स्वीडन से आयातित बोफोर्स जहां मैनुअल पद्धति से काम करती थी, वहीं धनुष इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से आपरेट होगा। धनुष की लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता भी बोफोर्स से 25 प्रतिशत बेहतर है। यानि जिस टारगेट पर पहला गोला गिरेगा, दूसरा और तीसरा गोला भी वहीं गिरेगा।
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    फील्ड गन फैक्ट्री के वरिष्ठ महाप्रबंधक अनिल कुमार के अनुसार धनुष की कुछ और भी अहम खूबियां हैं। चाहे रेतीले मैदान, नदी नाले या फिर पहाड़ की चोटी ही क्यों न हो यह हर जगह मोर्चा लेने में सक्षम होगी। चीते जैसी फुर्ती से 3 मिनट में आधा किलोमीटर तक खिसक कर दोबारा गोला दाग सकेगी।