अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’
  • >X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    हिमालयी राज्य उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम विश्व की आस्था एवं आध्यात्मिक चेतना का पर्याय है, जहां जनमानस देवत्य की प्राप्ति के साथ-साथ देवभूमि के कण-कण में भगवान शंकर की उपस्थिति का आभास पाता है।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    यह स्थान धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक आभा के लिए भी वैश्विक पटल पर भारत के आध्यात्मिक ऐश्वर्य एवं सौंदर्य को अंकित करता है।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    इसी सुरम्य परिवेश में भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध ज्योतिॄलग केदारनाथ स्थित है। प्रसिद्ध 12 ज्योतिॄलगों में से एक अपने रुद्र रूप में भगवान शिव 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में स्वयंभू शिव के रूप में विराजमान रहते हैं।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    यह मंदिर तीनों ओर से उच्च हिमालयी पर्वत शृंखलाओं से अलंकृत है। एक तरफ से करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ 21 हजार 600 फुट ऊंटा खर्चकुंड तथा तीसरी ओर 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड इस धाम को आच्छादित किए हुए हैं।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    इसी अलौकिक सुरक्षा के साथ-साथ इसे मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्ण गौरी जैसी पुण्य सलिलाओं का साहचर्य भी प्राप्त है। वस्तुत: ये नदियां कल्याणकारी मां के समान अहर्निश इस मंदिर की सेवा में समर्पित हैं।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    पांडव वंशीय जन्मेजय द्वारा इसे कत्यूरी शैली में बनाया गया है। निकट ही गौरीकुंड तथा वासुकी ताल भी हैं।
  • <>X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    स्कंद पुराण में वर्णित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नर-नारायण ने हिमालय के केदारशृंग (पर्वत) पर पार्थिव लिंग बनाकर अनेक वर्षों तक तपस्या की।
  • <X

    अलौकिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है ‘केदारनाथ धाम’

    उनकी सघन तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें दर्शन दिए तथा उन्हीं नर-नारायण के विशिष्ट आग्रह से भगवान शिव ज्योर्तिलिंग स्वरूप में वहीं पर विराजमान हो गए।