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आज श्रीबांकेबिहारी के दर्शन होंगे खास, जानें क्यों है ये मंदिर आस्था का केंद्र
आज श्रीबांकेबिहारी मंदिर में विशेष उत्सव होगा। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी श्रीबांकेबिहारी के चरणों की वंदना करेंगी।
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साल में केवल एक बार आज के दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी बांसुरी धारण करते हैं।
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आज श्रीबांकेबिहारी के दर्शन होंगे खास, जानें क्यों है ये मंदिर आस्था का केंद्र
ठाकुर जी मोर-मुकुट, बांसुरी धारण कर रत्न जड़ित सोने-चांदी के भव्य सिंहासन पर विराजमान होंगे।
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लोक मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण महारास करेंगे, रासलीला के दर्शनों के लिए देवी-देवता भी आएंगे।
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बांके बिहारी जी का भव्य मंदिर वृंदावन में स्थित है। इस मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की एक प्रतिमा है।
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इस प्रतिमा के विषय में मान्यता है कि इस प्रतिमा में साक्षात श्रीकृष्ण और राधा समाए हुए हैं इसलिए इनके दर्शन मात्र से राधा-कृष्ण के दर्शन का फल मिल जाता है।
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हरिदास जी श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबकर भजन गा रहे थे। राधा कृष्ण की युगल जोड़ी प्रकट हुई। श्रीराधा और कृष्ण ने हरिदास जी के पास रहने की इच्छा प्रकट की।
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हरिदास जी ने कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं तो संत हूं। आपको लंगोट पहना दूंगा लेकिन माता को नित्य आभूषण कहां से लाकर दूंगा।
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भक्त की बात सुनकर श्री कृष्ण मुस्कुराए और राधा कृष्ण की युगल जोड़ी एकाकार होकर एक विग्रह रूप में प्रकट हुई। हरिदास जी ने इस विग्रह को बांके बिहारी नाम दिया।
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आज श्रीबांकेबिहारी के दर्शन होंगे खास, जानें क्यों है ये मंदिर आस्था का केंद्र
बांके बिहारी मंदिर में इसी विग्रह के दर्शन होते हैं। बांके बिहारी के विग्रह में राधा कृष्ण दोनों ही समाए हुए हैं जो भी श्रीकृष्ण के इस विग्रह का दर्शन करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।