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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
दुनिया की यह अजीबो गरीब जेल छत्तीसगढ़ के बालोद जिला के ग्राम ठेमाबुजुर्ग में है।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
जहां देवी देवताओं की अदालत लगती है, प्रचलित किंवदंतियो के अनुसार अगर किसी देवी देवता की गलती पाईं जाती तो उसे मां दंतेश्वरी अपने दरबार में सजा सुनाती हैं और जेल भी भेजती है।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
लोगों का कहना है जब किसी देवी देवताओं को सजा होती है तो यहां के माहौल में परिवर्तन होना लगता है।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
यह देवी की अदालत में सजा कब होती है और किसको कितनी सजा मिलती है, इसे गोपनीय रखा जाता है इसका हिसाब किताब भी देवी देवताओं के पास ही होता है। इस देवी को देवताओं की भाषा में जेलवाली माता कहते है।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
यहां की दंतेश्वरी देवी को 18 गांव की ग्रामीणों की मुख्य देवी माना जाता है। निवासियों का मानना है जब तक ठेमाबुजुर्ग की दंतेश्वरी देवी की पूजा नहीं की जाती तब तक कोई दूसरी गांव में अन्य कोई धार्मिक कार्य नहीं किया जाता।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
इन देवी शक्ति की महिमा बताते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष शिवप्रसाद बारला एक किस्सा सुनाते हैं।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
जिसके अनुसार यह मंदिर बनाने के लिए एक बार कुछ पेड़ की कटाई की जा रही थी तभी गांव के एक व्यक्ति ने चुपके से फारेस्ट में शिकायत कर दी , जिससे चलते इस मंदिर को बनाने में दिक्कत होने लगी।
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इस जगह लगती है देवी-देवताओं की अदालत!
इसके बाद गांव में बैठक रखकर शिकायत करने वाले की पहचान करने के लिए बहुत प्रयास किया गया।
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परंतु सच की पहचान नहीं हुई तो मंदिर में देवी को आराधना कर सच को सामने लाने की विनती की गई।
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जिसके पश्चात सच लोगों के सामने आया और उस व्यक्ति का झूठ पकड़ लिया गया।