इस जगह हुआ था ‘श्रीराम-हनुमान जी’ का मिलन
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    इस जगह हुआ था ‘श्रीराम-हनुमान जी’ का मिलन

    कन्नड़ में हल्ली का अर्थ है गांव। यहां हनुमान जी तथा श्रीराम का मिलन हुआ था।
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    पास ही एक पर्वत पर हनुमान जी की माता अंजना देवी का एक सुंदर मंदिर भी स्थित है।
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    सुग्रीव और श्रीराम-लक्ष्मण जी का मिलन हंपी में ऋष्यमूक पर्वत पर हुआ था। सुग्रीव तब बाली के भय से यहीं रहते थे।
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    यहां पहाड़ी में एक कंदरा को सुग्रीव गुफा कहा जाता है। कोप्पल के अनागुन्डी में चिंतामणि नामक स्थान पर तुंगभद्रा नदी धनुषाकार घुमाव लेती है।
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    नदी के एक ओर बाली-सुग्रीव का युद्ध हुआ था तथा दूसरे किनारे पर वृक्षों की ओट से श्रीराम ने बाली को बाण मारा था।
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    यहां श्रीराम के चरण चिह्न हैं।
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    यह अनागुन्डी गांव ही वास्तव में प्राचीन किष्किंधा है। यहां वाल्मीकि रामायण में वर्णित दृश्य देखने को मिलते हैं।
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    अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में यहां बाली का भंडार, अंजना पर्वत, वीरूपाक्ष मंदिर, कोदण्डराम मंदिर, मतंग पहाड़ी दर्शनीय हैं।
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    महत्वपूर्ण यह भी है कि यहां का राजवंश स्वयं को अंगद का वंशज मानता है।