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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
कर्नाटक के गुलबरगा में स्थित लकम्मा देवी मंदिर में देवी लक्ष्मी विराजमान हैं।
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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
प्रचलित मान्यता के अनुसार इस मंदिर में एक नीम का पेड़ है, जिस पर आने वाले श्रद्धालु चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं। कहा जाता है ऐसा करने से लोगों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
बताया जाता है कि जिन लोगों के पैरों और घुटनों में दर्द होता है, वे माता को चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं, ताकि उनका दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाए है। यहां पर पैर के दर्द से परेशान भक्तों की सबसे अधिक संख्या आती है।
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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
पौराणिक किंवदंति और कथाओं के अनुसार पहले यहां बैलों की बलि दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने बैलों की बलि पर पाबंदी लगा दी है।
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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
स्थानीय लोगों की मानें तो जब से यहां बैलों की बलि पर पाबंदी लगी है, तब से यहां श्रद्धालु चप्पल चढ़ाने लगे और जिसके बाद धीरे-धीरे ये परंपरा बन गई, जो आज तक जारी है।
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इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा
बताया जाता है कि यहां पर दीपावली के बाद आने वाली पंचमी को बड़ा मेला लगता है। जिस दौरान यहां नीम के पेड़ पर चप्पल और सैंडल टांगते हैं। इस कारण इस मेले को फूटवियर फेस्टीवल के नाम से भी जाना जाता है।