इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी
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    इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी

    भारत देश में ऐसे कई मंदिर हैं जिससे जुड़ा रहस्य अपने आप में किसी न किसी प्रकार की खासियत रखता है। इस सूची में देश का कोई एक नहीं बल्कि कई धार्मिक स्थल शामिल हैं।
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    इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी

    जिनमें से एक के बारे में हम आज आपको बताने वाले हैं। आप में से बहुत से लोगों ने सुना होगा कि देश दुनिया में ऐसे कई मंदिर हैं जहां स्त्रियों के जान पर रोक है।
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    इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी

    कुछ ऐसे भी धार्मिक स्थल हैं जहां पुरुषों के जाने पर भी रोक है। जी हां, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। बल्कि देश में ऐसा कोई एक मंदिर नहीं हैं, कई मंदिर है। जिनमें से हम आपको बताने जा रहे हैं कोट्टनकुलंगरा/ भगवती देवी मंदिर के बारे में, जो तमिलनाडु, कन्याकुमारी में स्थित है।
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    इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी

    लोक मान्यता के अनुसार भगवती देवी का ये मंदिर जिसे कोट्टनकुलंगरा भी कहा जाता है, कन्याकुमारी में स्थित है। जहां भगवती देवी की आराधना होता है, धार्मिक शास्त्र में इन्हें देवी दुर्गा का ही स्वरूप माना गया है।
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    इस मंदिर में पुरुषों को नहीं मिलती एंट्री, यहां गिरी थी देवी सती की रीढ़ की हड्डी

    यहां के परंपरा की मानें तो इस मंदिर में किसी भी पुरुष के आने पर रोक है। जी हां, यहां यानि इस मंदिर परिसर में पूजा करने के लिए केवल स्त्रियां ही आती हैं।
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    स्त्रियों के अलावा इस मंदिर प्रांगण में पूजा आदि के लिए किन्नरों को भी आजादी प्राप्त है। इस मंदिर से संबंधित सबसे खास बात तो ये है कि यहां अगर पुरुषों को मंदिर में प्रवेश करना हो तो उन्हें महिलाओं की तरह सोलह श्रृंगार करना पड़ता है।
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    मंदिर से जुड़ी अन्य मान्यता के मुताबिक प्राचीन समय में देवी मां यहां तपस्या करने आईं थीं ताकि उन्हें भगवान शिव पति के रूप में मिल सकें।