इस सुंदर भवन में बिताया था श्री कृष्ण ने अपना बचपन, 5 हज़ार वर्ष है पुराना
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    इस सुंदर भवन में बिताया था श्री कृष्ण ने अपना बचपन, 5 हज़ार वर्ष है पुराना

    सनातन धर्म के ग्रंथों में श्री कृष्ण के बचपन से जुड़ी अगिनत लीलाएं मिलती हैं, तो वहीं इनसे संबंधित मंदिरों की बात करें तो इस सूची में सबसे पहले जो नाम आते हैं वो है द्वारकाधीश मंदिर तथा वृंदावन मंदिर।
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    इस सुंदर भवन में बिताया था श्री कृष्ण ने अपना बचपन, 5 हज़ार वर्ष है पुराना

    मगर आपको बता दें इसके अलावा भी ऐसी जगह जो श्री कृष्ण के बचपन से जुड़ा हुआ है। दरसअल हम बात कर रहे हैं गोकुल के नंद भवन मंदिर कि जिसे चौरासी खंबा मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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    कहा जाता है जिस तरह मथुरा के द्वारकाधीश और वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में जाने के लिए तंग गलियों से गुज़रना पड़ता है, ठीक उसी तरह इस मंदिर तक जाने वाला रास्ता है।
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    प्रचलित मान्यताओं की मानें तों कहा जाता है बलराम जी के जन्म के उपरांत देवी यशोदा यहां कुछ ही समय के लिए रही थीं। तो मंदिर की खासियत की बात करें तो चौरासी खंबार नामक इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का बचपन व्यतीत हुआ था।
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    इस सुंदर भवन में बिताया था श्री कृष्ण ने अपना बचपन, 5 हज़ार वर्ष है पुराना

    वासुदेव और देवकी को कंस द्वारा बंदी बना लेने के उपरांत नंदबाबा और उनकी पत्नी मां यशोदा के साथ भगवान श्री कृष्ण इसी घर में रहा करते थे। यही कारण है इस मंदिर में श्रीकृष्ण का बाल रूप मौज़ूद है।
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    इसके अलावा भी यहां इनकी अनेकों मूर्तियां रखी हुई हैं जिसमें से एक मूर्ति के बारे में मान्यता प्रचलित है यह प्रतिमा ज़मीन से अपने-आप निकली थीं। इसके अतिरिक्त इस मंदिर के पास में ही एक गौशाला भी है।
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    अगर मंदिर के आस पास रहने वालों की मानें तो इस मंदिर से कई अन्य मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। एक के अनुसार भगवान श्री कृष्ण अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा का सुख गोकुल में ही देना चाहते थे, जिस के चलते उन्होंने भगवान विश्वकर्मा से उनके घर में 84 खंबे लगाने को कहा।