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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
महाशिवरात्रि का पर्व इस बार 11 मार्च को मनाया जाए वाला है, इस दिन से साल का सबसे बड़ा कहे जाने वाला कुंभ मेला आरंभ होगा। इस खास अवसर पर लोग देश के मुख्य तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान,दान जैसे पुण्य कार्य करते हैं।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
शिवरात्रि के दिन लोग भगवान शंकर के कई प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं। भारत देश मेें अनगिनत मंदिर हैं, जिन में से कहा जाता है कि अधिकतर शिव मंदिर।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित है। मान्यता के अनुसार ये वहीं मंदिर है जहां राजा दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया था।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
जिसमें सभी देवी-देवताओं, ऋषियों और संतों को तो आमंत्रित किया गया था परंतु भगवान शंकर को आमंत्रित नहीं किया गया था।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
कथाओं के अनुसार राज दक्ष द्वारा शिव का अपमान सती सह न पाई और यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। माना जाता है जब ये बात महादेव को पता लगी तो उन्होंने गुस्से में दक्ष का सिर काट दिया।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
देवताओं के अनुरोध पर भगवान शिव ने राजा दक्ष को जीवनदान दिया और उस पर बकरे का सिर लगा दिया। राजा दक्ष को अपनी गलतियों का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान शिव से क्षमा मांगी।
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कनखल में है भगवान शंकर का ससुराल, यहीं काटा था राजा दक्ष का सिर
तब भगवान शिव ने घोषणा की कि वे हर साल सावन के महीने में भगवान शिव कनखल में निवास करेंगे।