क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    आपकी जानकारी के लिए बता दें ये मंदिर केरल की राजधानी में स्थित है, जो तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    बताया जाता है 2011 में सरकार की निगरानी के अंतर्गत निकाले गए खजाने के बावजूद इस मंदिर का अभी भी एक तहखाना खुलना और बाकी है। इसके खजाने के चलते ही इस मंदिर को भारत का सर्वाधिक अमीर मंदिर कहा जाता है।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    इसके अलावा बता दें पूर्व में सरकार द्वारा मंदिर के छठे तहखाने को नहीं खोला गया था। हैरानी की बात तो ये है मंदिर के तहखानों में केवल धन-दौलत ही नहीं बल्कि कोबरा जैसे जहरीले सांप मौजूद हैं, जो इस खजाने की रक्षा करते हैं।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    कहा जाता है कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर के चारों ओर रहस्य ही रहस्य ही छिपे हुए हैं। लोक मत है कि इस सुप्रसिद्ध मंदिर का सातवां दरवाज़ा आज भी एक पहेली है। इसका कारण आज तक किसी के द्वारा इसे खोला न जाना।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि लकड़ी के इस दरवाज़े को खोलने या बंद करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई ताला,जंजीर या नट-बोल्ट नहीं लगा हुआ। जिसके बाद हर कोई इस विचार में पड़ जाता है कि आखिर ये दरवाज़ा बंद कैसे है?
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    कहा जाता है इस बात का राज आज तक कोई नहीं जान पाया, जिस कारण आज तक मंदिर का ये सांतवां दरवाजा हर किसी के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    जैसे कि उपरोक्त जानकारी हमने आपको बताया है कि मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। हालांकि मंदिर की स्थापना लेकर कोई एक राय नहीं है। कई जानकारों के अनुसार मंदिर करीब दो हजार साल पुराना है।
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    क्या कलियुग के पहले दिन की गई थी इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण?

    जबकि त्रावणकोर के इतिहासकार दावा करते हैं कि कलियुग के पहले दिन इस मंदिर की स्थापना हुई थी। तो वहीं मंदिर में स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि इसकी स्थापना कलियुग के 950वें साल में की गई थी।