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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
कुछ हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खास कहे जाने वाले इस अक्षयवट वृक्ष को संबंध इस सृष्टि के आरंभ काल से है। इसके बारे में मान्यता है कि अक्षयवट नाम के इस वृक्ष को माता सीता ने वरदान दिया था
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
जब प्रलय काल आएगा और पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी, फिर भी इस वृक्ष का एक पत्ता बचा रहेगा। साथ ही इसके बारे में एक मान्यता ये भी है कि श्रीकृष्ण अपने बाल स्वरूप में इसी वट वक्ष पर विराजमान हुए थे।
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
रामायण में अक्षयवट का उल्लेख किया गया है, इस पावन ग्रंथ में इसका नाम नीलवट के रूप में मिलता है। इ
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
जिसके बाद फिर माता सीता ने भी इस वृक्ष की पूजा की और अपने अक्षय सौभाग्य की प्रार्थना की।
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
कहते हैं उस समय अक्षयवट गंगा के पूरब दिशा में था। जबकि इस समय अक्षयवट इलाहाबाद यानि प्रयागराज किले के अंदर है।
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
कहा जाता है कि अपने पितरों के मोक्ष की कामना के लिए जो भी श्रद्धालु श्राद्ध करते हैं, उसकी पूर्णाहुति इसी अक्षयवट के नीचे दी जाती है।
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
रामायण के साथ-साथ पद्मपुराण में भी अक्षयवट का जिक्र मिलता है। माना जाता है कि जो मनुष्य इस वट वृक्ष की छाया में आ जाता है, वह इस संसार के जन्म-मरण के बंधनों से मुक्त हो जाता है।
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क्या है अक्षयवट वृक्ष और प्रयागराज का संबंध ?
बता दें कि शास्त्रों में इस अक्षयवट की पूजा के बारे में बताया गया है, जिसमें सबसे पहले संगम स्नान के बारे में बताया गया है।