चैत्र नवरात्रि- यहां हुआ था राक्षस चंड-मुंड का नाश
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    चैत्र नवरात्रि- यहां हुआ था राक्षस चंड-मुंड का नाश

    देव-भूमि हिमाचल प्रदेश को देवताओं के निवास स्थान के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि पूरे हिमाचल प्रदेश में 2000 से भी ज्यादा मंदिर हैं जिनमें से ज्यादातर प्रमुख आकर्षक का केन्द्र बने हुए हैं।
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    चैत्र नवरात्रि- यहां हुआ था राक्षस चंड-मुंड का नाश

    इन्हीं मंदिरों में से एक है यहां का प्रमुख मंदिर जिसे चामुण्डा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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    चैत्र नवरात्रि- यहां हुआ था राक्षस चंड-मुंड का नाश

    यह हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिला में स्थित है। बताया जाता है चामुण्डा देवी मंदिर शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
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    मान्यता है कि यहां भूतनाथ भगवान आशुतोष शिव शंकर मृत्यु शव विसर्जन और विनाश का रूप लिए साक्षात देवी चामुंडा के साथ विराजमान हैं।
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    पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर राक्षस चंड-मुंड देवी दुर्गा से युद्ध करने आए थे। जिसके बाद देवी दुर्गा ने काली रूप धारण कर उनका वध कि था।
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    मान्यता है कि अंबिका की भृकुटी से प्रादुर्भूत काली ने जब चंड-मुंड के सिर को उपहार स्वरूप भेंट किया तो अम्बा ने वर दिया कि आज से तुम संसार में चामुंडा नाम से विख्यात होगी।