जानिए कहा है ‘रीछों का पहाड़’ और ‘शबरी आश्रम’
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    जानिए कहा है ‘रीछों का पहाड़’ और ‘शबरी आश्रम’

    रामदुर्ग से 14 कि.मी. उत्तर में गुन्नगा गांव के पास सुरेबान है। जो शबरी वन का ही अपभ्रंश है। आश्रम के आस-पास बेरी वन है। बेर अब भी मीठे होते हैं।
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    जानिए कहा है ‘रीछों का पहाड़’ और ‘शबरी आश्रम’

    कोप्पल जिले में स्थित प पा सरोवर श्री राम से संबंधित है। सरोवर के किनारे मंदिरों की कतार है। कहते हैं कि यहां श्री राम सीता की खोज करते हुए आए थे।
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    यहां शबरी मां की पूजा वन शंकरी, आदि शक्ति तथा शाकंभरी देवी के रूप में की जाती है। यहीं श्री राम व शबरी मां की भेंट हुई थी।
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    करीब स्थित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में ऋष्यमूक पर्वत,चिंतामणि किष्किंधा द्वार, प्रस्रवण पर्वत, स्फटिक शिला आदि स्थित हैं। इनमें आपसी दूरी अधिक नहीं है।
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    वहीं रामदुर्ग में ‘करड़ी गुड्ड’ यानी ‘रीछों का पहाड़’ नामक एक गांव के पास पहाड़ी पर एक टेढ़े-मेढ़े पत्थर की मूर्ति रखी है।
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    जानिए कहा है ‘रीछों का पहाड़’ और ‘शबरी आश्रम’

    यह मूर्ति वाल्मीकि रामायण में वर्णित कबंध के शरीर से मेल खाती है। स्थानीय लोग इसको ‘राक्षस का मंदिर’ कहते हैं, जिसका श्रीराम ने संहार किया था।