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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर गुजरात के सोमनाथ में स्थित श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर शिवजी के 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर पश्चिमी घाट पर स्थित इस मंदिर को 11वीं से 18वीं सदी के बीच विदेशी आक्रमणकारियों ने कई बार नुक्सान पहुंचाया परंतु हर बार इसका पुन: निर्माण करवाया गया।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर वर्तमान भव्य मंदिर को सरदार वल्लभभाई पटेल के दिशा-निर्देशों पर बनाया गया। आजादी के बाद मंदिर के ध्वस्त अवशेषों को देखने के बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक के हम्पी में स्थित विरूपाक्ष मंदिर भगवान शिव के एक रूप विरूपाक्ष को समर्पित है। मूल रूप से 9वीं तथा 10वीं सदी में बने इस मंदिर का बाद में विजयनगर के शासकों ने और विस्तार किया।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
विरूपाक्ष मंदिर मंदिर के स्तंभों से भरे गलियारे बेहद प्रसिद्ध हैं जिन पर बहुत सुंदर नक्काशी तथा कलाकृतियां देखने को मिलती हैं।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
विरूपाक्ष मंदिर मन्दिर के पूर्व में पत्थर का एक विशाल नंदी है जबकि दक्षिण की ओर गणेश जी की विशाल प्रतिमा है। यहां नृसिंह की 6.7 मीटर ऊंची एक मूर्ति भी है।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री विष्णुपद मंदिर बिहार के गया में स्थित श्री विष्णुपद मंदिर को वर्ष 1787 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री विष्णुपद मंदिर मंदिर में विष्णु भगवान के पद चिन्हों की छाप मौजूद है। मान्यता है कि मंदिर में भगवान विष्णु का चरण चिह्न ऋषि मरीची की पत्नी माता धर्मवत्ता की शिला पर है।
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भगवान शंकर को समर्पित है विरूपाक्ष मंदिर, जानें कहां है?
श्री विष्णुपद मंदि राक्षस गयासुर को स्थिर करने के लिए धर्मपुरी से माता धर्मवत्ता शिला को लाया गया था जिसे गयासुर पर रख भगवान विष्णु ने अपने पैरों से दबाया। इसके बाद शिला पर भगवान के चरण चिन्ह बन गए