महाराष्ट्र के वसई में गणपति है भक्तों की आस्था का केंद्र
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    महाराष्ट्र के वसई में गणपति है भक्तों की आस्था का केंद्र

    सिद्धि विनायक मंदिर: कहा जाता है गणेश उत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र का त्योहार माना जाता है। जिस कारण इन 10 दिनों में पूरे महाराष्ट्र में तथा यहां पर स्थित गणेश मंदिरों की रौनक देखते ही बनती है।
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    महाराष्ट्र के वसई में गणपति है भक्तों की आस्था का केंद्र

    सिद्धि विनायक मंदिर: वसई के इतिहासकर के अनुसार 1740 में नरवीर चिमाजी पेशवा के सरदारों ने वसई किले पर जीत हासिल की थी, उसे वक्त पेशवा के सरदारों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
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    महा गणपति मंदिर: लगभग 250 साल से भी अधिक प्राचीन इस मंदिर में आज भी लोगों को हुजूम उमड़ता है तथा श्रद्धालु यहां विराजमान श्री गणेश भगवान से अपनी कामनाओं की पूर्ति करने के लिए श्रद्धापूर्वक पूजा आदि करते हैं।
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    सिद्धि विनायक मंदिर: हालांकि कोरोना के चलते इस बार ये यात्रा नहीं निकाली जाएगी, ऐसी बातें सामने आई हैं। इस धार्मिक यात्रा के इतिहास की बात करें वसई के बिना इसका इतिहास अधूरा माना जाता है।
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    सिद्धि विनायक मंदिर: कहा जाता है कि महाराष्ट्र के प्राचीन मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र बने हुए हैं।
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    महा गणपति मंदिर: किंवदंतियों के अनुसार, वसई किले पर जीत के बाद सरदारों ने किले में शंकर भगवान का मंदिर बनवाया जो आज के समय में भक्तों के लिए गणपति मंदिर के रूप में आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। कहा जाता है अब ये मंदिर महा गणपति मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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    महा गणपति मंदिर: तो वहीं वसई तालुका में भगवान गणेश के मंदिरों की बात करें तो यहां अनेकों गणपति मंदिर हैं, जो लगभग 250 साल से भी अधिक प्राचीन हैं।
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    सिद्धि विनायक मंदिर: इन्हीं में से सबसे प्रसिद्ध माना जाता है फडके गणपति मंदिर जो वसई (पश्चिम) के पारनाका के पास है स्थित है, जिसे वर्तमान समय में लोग सिद्धि विनायक मंदिर के नाम से जाना जाता है।