यहां पैरों से दबा कर किया था देवी ने राक्षसों का वध, जानें कहां है ये मंदिर
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    यहां पैरों से दबा कर किया था देवी ने राक्षसों का वध, जानें कहां है ये मंदिर

    आज हम आपको देवी के एक ऐसे ही शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जहां माता के शक्तिपीठ के दर्शन करने मात्र से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर में देवी मां के चरण पादुका मौज़ूद हैं जिनके दर्शन करने से भक्तों का सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।
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    हम बात कर रहे हैं कि अर्बुदा देवी मंदिर की जिसे अधर देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।  बता दें कि देवी मां का ये प्राचीन मंदिर राजस्थान के माउंट आबू से लगभग 3 कि.मी दूरी एक पहाड़ी पर बना पर स्थित है।
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    मंदिर के बारे में मान्यता है यहां देवी पार्वती के होंठ गिरे थे। जिस कारण इसे शक्तिपीठ माना जाने लगा। बता दें मंदिर के अंदर माता अर्बुदा देवी की पूजा कात्यायनी देवी के रूप में की जाती है।
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    ऐसा इसलिए क्योंकि अर्बुदा देवी को माता कात्यायनी का ही स्वरूप कहलाती है। वैसे तो मंदिर में रोज़ाना ही भक्तों का आना जाना लगा रहता है परंतु नवरात्रों के समय मंदिर में भक्तों का सैलाब लग जाता है।
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    बता दें कि मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 350 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती हैं। इस मंदिर में एक प्राकृतिक गुफा भी मौज़ूद है जिसके अंदर एक दीपक निरंतर जलता रहता है।
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    बासकली बहुत घमंडी हो गया। इसी घमंड के चलते उसने देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को अपना बंदी बना लिया था।
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    इसी राक्षस के अत्याचारों से दुखी होकर देवताओं ने कई सालों तक अर्बुदा देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी तपस्या की।
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    इनकी तपस्या से खुश होकर माता ने प्रसन्न होकर तीन रूपों में दर्शन दिए थे। जिसके बाद देवताओं ने देवी से बासकली राक्षस से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। तब देवी मां बासकली राक्षस को अपने चरणों से दबा कर उसका वध किया था।
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    इसके बाद तभी से यहां यानि इस मंदिर में माता के चरण पादुका स्थापित है।