यहां भगवान शंकर से पहले होती है इस खलनायक की पूजा
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    यहां भगवान शंकर से पहले होती है इस खलनायक की पूजा

    हम बात करने जा रहे हैं कमलनाथ महादेव मंदिर की जो उदयपुर से 80 कि.मी. दूर झाड़ोल तहसील में आवारगढ़ की पहाडिय़ां पर स्थित है।
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    यहां भगवान शंकर से पहले होती है इस खलनायक की पूजा

    पुराणों के मुताबिक लंकापति ने खुद शिवजी के इस मंदिर की स्थापना कराई थी।
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    इतना ही नहीं पुराणों में यह भी बताया गया है कि इसी जगह पर भगवान शिव को रावण ने अपना सिर अग्निकुंड में समर्पित कर दिया था।
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    भगवान शिव रावण की इस भक्ति से प्रसन्न हो गए थे और उन्होंने उसकी नाभि पर अमृत कुंड की स्थापना कर दी थी।
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    इस मंदिर में भगवान शिव से पहले रावण की पूजा की जाती है।
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    ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस मंदिर की यह मान्यता है कि अगर रावण की पूजा भगवान शिवजी से पहले नहीं हुई तो पूजा व्यर्थ हो जाती है।
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    पुराणों में इस मंदिर के बारे में एक अनोखी कहानी लिखी है।
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    उस कहानी के मुताबिक भगवान शिव को एक बार रावण ने प्रसन्न करने के लिए कैलाश पर्वत पर चले गए थे और वहां जाकर तपस्या की।
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    भगवान शिव रावण की इस कठोर तपस्या से खुश हो गए थे और उन्होंने उससे वरदान मांगने को कहा था। उसके बाद भगवान शिव से रावण ने वरदान के रूप में लंका चलने का आग्रह किया।