यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली
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    यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली

    कुछ प्राचीन मान्यताओं के अनुसार उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शिव भक्तों द्वारा अनोखे ढंग से होली खेली जाती है।
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    यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली

    महादेव की इस पावन नगरी में गुलाल नहीं बल्कि भस्म से होली खेली जाती है। बता दें कि वो भस्म भी कोई ऐसा वैसा नहीं होता। ये भस्म महाश्मशान में जलने वाले मुर्दों की होता है।
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    यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली

    मान्यता है इस घाट पर इसी के साथ होली खेली जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें मर्णिकर्णिका घाट एकमात्र ऐसा घाट है, जहां कभी चिता की आग शांत नहीं होती।
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    यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली

    मान्यताओं के मुताबिक रंगभरी एकादशी के अगले दिन यहां यानि बनारस में बाबा के भक्त बनारस होली खेलते हैं।
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    यहां रंगों की नहीं बल्कि इस अनोखी चीज़ से खेली जाती है होली

    इस दिन ये श्मशान ढोल-नगाड़ों और हर हर महादेव के नाम से गुंजायमान हो जाता है।
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    यहां के लोगों का कहना है कि इस दिन स्वयं महादेव किसी न किसी रूप में मौजूद रहते हैं।