यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन
  • >X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    हमारे देश-दुनिया में ऐसी काफ जगहें जिनका संबंध हिंदू धर्म से है। इन्हीं में से एक से जुड़ी तमाम जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं। जिसमें हम आपको बताएंगे श्री राम से जुड़े एक ऐसे धार्मिक स्थल के बारे में जो मध्यप्रेदश के पन्ना जिले से महस 23 कि.मी दूर स्थित है।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    यहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ये वो स्थान है जहां पर भगवान श्री राम ने अपने अनुज लक्ष्मण के साथ तथा ऋषि अगस्त्य की उपस्थिति में राक्षसों के संहार का संकल्प लिया था।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    बताया जाता है इस जगह का वर्णन रामाणय के अरण्यकांड में मिलता है तथा इस स्थान पर श्री राम ने पथ गमन के दौरान ऋषि अगस्त्य के शिष्य मुनि सुतीक्षण को दर्शन दिए थे।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    आप में से कई ऐसे लोग होंगे जिन्हें इन बातों पर शायद विश्वास नहीं होगा। जिस स्थान की हम बात कर रहे हैं वो मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से महज 23 कि.मी दूर सारंग मंदिर से प्रचलित है, जिसे सुतीक्षण मुनि का आश्रम के नाम से भी जाना जाता है।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    मान्यताओं के अनुसार यहां रामपथ गमन के दौरान भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी ने अक्षय वट के नीचे ऋषि अगस्त्य के सुतिस्किन मुनी को दर्शन दिए थे।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    तथा ऋषियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर राक्षसों के संहार के लिए इसी धरती पर भगवान राम ने अपना धनुष रखा था, और दोनों भुजा उठाकर राक्षसों के संहार के लिए प्रतिज्ञा ली थी।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    जिसका वर्णन भगवान तुलसीदास की रामायण के अरण्यकांड में किया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस धरती पर भगवान राम ने व्यक्तियों के संहार के लिए अपना धनुष यानि सारंग रखा था।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    यही कारण है कि इस विंध्य पर्वत की श्रृंखला और संरचना भगवान राम के धनुष के आकार की बनी है।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    मंदिर के जानकार इस मंदिर का निर्माण छत्रसाल के वंशज और पन्ना राजघराने के महाराजा हरिवंश राय ने किया था। जिन्होंने पूरे धाम का नाम भगवान राम के धनुष हनी सारंग के नाम से रखा।
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    यहां मुख्य द्वार पर भगवान श्री राम के धनुष के आकार का पद चिन्ह मिलता है और धनुष रूपी आकार से इ
  • <>X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    कहा जाता है जिस तरह से कामदगिरी मंदिर चित्रकूट में पूरे परिक्रमा के दौरान मंदिर बना है। ठीक उसी तरह इस मंदिर के चारों तरफ 52 छोटे बड़े मंदिर बने हुए हैं, जो अपने आप में विलक्षण और बहुमुखी हैं।
  • <X

    यहां श्री राम ने लिया था राक्षसों के संहार का संकल्प, सुतीक्षण मुनि को दिए थे दर्शन

    इसके अलावा इससे जुड़ी सबसे बड़ी खासियत है कि यह क्षेत्र पूरी तरह से विंध्य पर्वत की तलहटी पर बसा हुआ है और चारों तरफ़ इस पहाड़ में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियों का समावेश है जो कहीं आपको देखने को नहीं मिलेंगी।