युद्ध से पहले जवान लेने आते हैं यहां मां काली का आशीर्वाद
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    युद्ध से पहले जवान लेने आते हैं यहां मां काली का आशीर्वाद

    काली माता का दरबार पेड़ों से चारों तरफ से घुरा हुआ है और ये पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में स्थित है।
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    युद्ध से पहले जवान लेने आते हैं यहां मां काली का आशीर्वाद

    महाकाली इंडियर आर्मी की कुमाऊ रेजिमेंट की आरध्य हैं। बताया जाता है कि इस रेजिमेंट के जवान युद्ध या मिशन पर जाते हैं तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करते हैं।
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    मान्यता के अनुसार, कालिका का रात में डोला चलता है। इस डोले के साथ कालिका के गण, आंण व बांण की सेना भी चलती है।
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    इस स्थान के बारे में कहा जाता है कि यहां पर मां काली विश्राम करती है और यही कारण है कि शक्तिपीठ के पास महाकाली का बिस्तर भी लगाया जाता है।
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    जो भी महाकाली के चरणों में श्रद्धापुष्प अर्पित करता है वह रोग, शोक और दरिद्रता से दूर हो जाता है।
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    महाकाली की मूर्ति की स्थापना बताया जाता है कि 1971 में पाकिस्तान के साथ छिड़ी जंग के बाद कुमाऊ रेजीमेंट ने सुबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में महाकाली की मूर्ति की स्थापना हुई थी।