ये है देश का एकमात्र मंदिर जहां महिलाएं करवाती हैं पूजा
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    ये है देश का एकमात्र मंदिर जहां महिलाएं करवाती हैं पूजा

    हा जाता है दरभंगा के कमतौल स्थित अहिल्या स्थान में रामनवमी के दिन अनोखी परंपरा देखी जाती है। यहां श्रद्धालु अहले सुबह से बैंगन का भार लेकर मंदिर में पहुंचते है। जहां राम और अहिल्या के चरणों में बैंगन के भार को चढ़ाते हैं।
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    यहां के लोगों का कहना है कि जिस प्रकार गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार त्रेता युग में राम जी ने अपने चरण से किया था और उनके स्पर्श से पत्थर बनी अहिल्या में जान आ गई थी।
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    उसी तरह जिस व्यक्ति के शरीर में अहिला होता है, वे रामनवमी के दिन गौतम और अहिल्या स्थान कुण्ड में स्नान कर अपने कंधे पर बैंगन का भार लेकर मंदिर आते हैं और बैंगन का भार चढ़ाते हैं तो उन्हें अहिला रोग से मुक्ति मिलती है।
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    बता दें अहिला इंसान के शरीर के किसी भी बाहरी हिस्से में हो जाता है, जो देखने में मस्से जैसा लगता है।
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    कहा जाता है आज भी जहां भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार किया था, उसकी पीढ़ी अवस्थित है।
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    वहां पुरूष पंडित की जगह महिला ही पूजा करवाती है। बता दें इस स्थल पर भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल से हज़ारों श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
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    यहां ये परंपरा सदियों से चली आ रही है।