श्री राम को ढंढूते हुए यहां पहुंच गए थे अयोध्या वासी
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    श्री राम को ढंढूते हुए यहां पहुंच गए थे अयोध्या वासी

    श्रीराम मंदिर, टाहडीह (सरयू जी) फैजाबाद (उ.प्र.) टाहडीह की उत्पत्ति ‘डाह’ शब्द से हुई है। अवधी में ‘डाह’ का अर्थ है एकत्रित होकर रूदन करना।
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    श्री राम को ढंढूते हुए यहां पहुंच गए थे अयोध्या वासी

    लोक मान्यता के अनुसार श्री राम को न ढूंढ पाने के बाद अयोध्यावासियों ने यहां इकट्ठा होकर ‘डाह’ किया था।
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    तमसा तट, गौरा घाट (तमसा), फैजाबाद (उ.प्र.) यहां श्री राम ने वनवास की प्रथम रात्रि विश्राम किया था। तमसा का वर्तमान नाम मंडाह एवं मंढाह है तथा स्थल का नाम गौरा घाट है।
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    श्री राम को ढंढूते हुए यहां पहुंच गए थे अयोध्या वासी

    यहां श्री राम ने वनवास की प्रथम रात्रि विश्राम किया था। तमसा का वर्तमान नाम मंडाह एवं मंढाह है तथा स्थल का नाम गौरा घाट है।गौरा  शब्द गौरव का अपभ्रंश है। यह स्थान अयोध्या जी से लगभग 20 कि.मी. दूर है।
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    वेदश्रुति नदी, अशोक नगर, फैजाबाद (उ.प्र.) तमसा नदी से आगे चलने पर श्री राम द्वारा अनेक नदियों को पार करने का विवरण मिलता है। इनमें वेदश्रुति नदी भी सम्मिलित है।
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    इसका वर्तमान नाम विसूही है। नदी पार करने के बाद माता जानकी ने जिस स्थान पर माता गिरिजा की विशेष पूजा-अर्चना की, उसकी याद लोक मानस में बनी रही।