साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती
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    साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती

    विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भस्म आरती बहुत ही मुख्य आरती है जिसके दर्शन के लिए भक्तगण दूर-दूर से आते हैं।
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    साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती

    वहीं शिवरात्रि के दिन भगवान महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है और शिवरात्रि को रात के समय भी महाकाल की पूजा व भजन चलता है।
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    साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती

    भस्म आरती प्रतिदिन तड़के चार बजे की जाती है, लेकिन साल में सिर्फ एक दिन होता है जब महाकाल की भस्म आरती का समय तड़के चार बजे से बदलकर दोपहर 12 बजे की जाती है।
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    साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती

    महाशिवरत्रि के पर्व से पहले ही शिव विवाह की हर रस्मों की शुरुआत हो जाती है और नौं दिनों तक बाबा महाकाल का अलग-अलग रूपों में श्रंगार किया जाता है।
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    साल में केवल एक बार ही दोपहर के समय होती है बाबा महाकाल की भस्म आरती

    श्री महाकालेश्वर मंदिर में साल में एक ही बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल को महाकाल को दूल्हे के रूप में सवा क्विंटल फूलों से बने फूलों के मुकुट धारण कराया जाता है।