>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
आज 8 जुलाई, सोमवार को सूर्य सप्तमी व्रत किया जाएगा। इसका हिन्दू शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। देवोपासना में भगवान सूर्य देव का खास स्थान है।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
भगवान सूर्य का दर्शन सभी धरतीवासियों को प्रतिदिन जागरूक करता है। सभी वैदिक स्मार्त अनुष्ठान एवं संसार के सभी कार्य भगवान सूर्य देवता की ही कृपा के अधीन हैं।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
विश्व के करोड़ों-करोड़ जन ‘आदित्यस्थ नमस्कारं येकुर्वन्ति दिने दिने। जन्मांतर सहस्रे दारिद्रयं नोपजायते।’ के अनुसार
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
प्रतिदिन प्रात: सायं भगवान सूर्य नारायण को पुष्प समन्वित जल के अर्घ्य देकर नमन करते हैं।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
यदि आप ऐसा नहीं करते तो आज के दिन अवश्य करें। इससे आपको सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और वैभव का वरदान मिलेगा।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
आज इस विधि से की गई सूर्य पूजा आपको बना सकती है करोड़ों का मालिक।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
इसके साथ-साथ आप अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करेंगे, जो आपको सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
भगवान सूर्य का गायत्री मंत्र यह है : ‘ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात।’
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें लाल चंदन, चावल और लाल रंग के फूल डालें।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
आज सारा दिन मन ही मन 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते रहें।
<
>
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
लाल आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का कम से कम 1 माला जाप करें।
<
X
सूर्य सप्तमी व्रत: पूजा का ये तरीका बना सकता है आपको करोड़ों का मालिक
'एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर।।'