हिंगलाज जयंती: बलूचिस्तान में नानी मां का यह मंदिर है अति प्रसिद्ध, जानें इससे जुड़ा रहस्य
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    हिंगलाज जयंती: बलूचिस्तान में नानी मां का यह मंदिर है अति प्रसिद्ध, जानें इससे जुड़ा रहस्य

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज यानि 09 अप्रैल, को हिंगराज जयंती है। बताया जाता है प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की द्वादशी को यह जयंती मनाई जाती है।
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    हिंगलाज जयंती: बलूचिस्तान में नानी मां का यह मंदिर है अति प्रसिद्ध, जानें इससे जुड़ा रहस्य

    बता दें हिंगलाज माता का मंदिर बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के समीप हिंगलाज क्षेत्र में सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। जिसे देवी मां के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
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    लोक मत है कि हिंगलाज वह स्थान जहां देवी सती का सिर गिरा था। जहां वर्तमान समय में माता सती कोटटरी रूप में तथा भगवान शंकर भीमलोचन भैरव रूप में विराजमान हैं। बृहन्नील तंत्रानुसार की मानें तो यहां सती माता का 'ब्रह्मरंध्र' गिरा था।
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    यहां की प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार हिंगलाज माता को संपूर्ण पाकिस्तान में नानी मां के रूप में भी जाना जाता है, मंदिर को नानी मां का मंदिर भी कहा जाता है।
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    हिंगलाज जयंती: बलूचिस्तान में नानी मां का यह मंदिर है अति प्रसिद्ध, जानें इससे जुड़ा रहस्य

    मुसलमान हिंगुला देवी के मंदिर की यात्रा को नानी का हज भी कहते हैं। बल्कि माना जाता है हिंदुओं से ज्यादा यहां मुस्लिम अधिकतर रूप से इनकी मानते हैं।
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    समस्त सबलूचिस्तान के मुसलमान भी इनकी विधि वत उपासना एवं पूजा करते हैं। कहा जाता है जो मुस्लिम स्त्रियां इस स्थान का दर्शन कर लेती हैं उन्हें हाजियानी कहते हैं।
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    उन्हें हर धार्मिक स्थान पर सम्मान के साथ देखा जाता है। मुसलमानों के लिए यह नानी पीर नामक स्थान भी कहलाता है।