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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
आगरा में आयोजित ताज महोत्सव में दर्शक देर रात तक पार्श्व गायक और कव्वाल अल्ताफ राजा के सुरों पर थिरकते नजर आए।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
अल्ताफ ने जब ‘तुम तो ठहरे परदेसी..., हवा का झोंका हूं...., इश्क और प्यार का मजा लीजिए...., पहले तो कभी-कभी गम था.... ,तुमसे कितना प्यार है.... जैसे गीत गाए।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
युवा एक के बाद एक फरमाइशें दोहराते गए और जमकर झूमे।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
1993 में अल्ताफ राजा ने अपना संगीत का सफर शुरू किया था।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
2010 में टून पुर का सुपर हीरो फिल्म में गायकी के बाद विश्राम ले लिया था।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
इसके बाद 2013 में घनचक्कर फिल्म में उनकी आवाज फिर सुनाई दी।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
ताज महोत्सव में टी. रेड्डी लक्ष्मी ने कुचिपुड़ी समूह नृत्य की प्रस्तुति भी दीं।
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“तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे”...अल्ताफ राजा के सुरो पर जमकर थिरके दर्शक
कुचिपुड़ी समूह नृत्य को भी दर्शकों ने काफी सराहा।